Add To collaction

लेखनी प्रतियोगिता -01-Mar-2022 एक तरफा इश्क

शीर्षक = एक तरफा इश्क 



बाबा मम्मा कैसी दिखती थी । मेरे पास उनकी कोई तस्वीर क्यू नही है । मुझे बताए ना बाबा क्या मैं मम्मा की जैसी दिखती हू। बाहर बरामदे मे अपने बाबा अदनान की गोदी मे बैठी पाच साल की हानिया उससे प्यार भरी तोतली जुबान मे पूछती है।

अदनान के पास उसकी इन सब सवालों का कोई जवाब नही था । वो चुप रहता लेकिन हानिया उससे बार बार वही सवाल पूछती । अदनान अपनी आंखो मे आसू लिए  कहता  तुम्हारी मम्मा बोहोत खुबसूरत थी उनकी नीली आंखें थी बिल्कुल आपकी जैसी ।

हानिया अंदर जाओ अपना होमवर्क खत्म करो उसकी दादी  दुर्दाना ने गुस्से मै कहा । और हानिया अपने कमरे मे चली गई।

क्या अम्मी वो पाच साल की बिन मां की  बच्ची है आप उसकी मां को प्यार नही करती थी तो कमसे कम उसकी बेटी को ही प्यार से हाथ फेर कर प्यार कर लिया करे।

नही करना उससे झूठा प्यार मुझे किसी और की औलाद से । उसकी मां माहीन खुद तो मर गई मेरे बेटे की भी ज़िंदगी बर्बाद करके और अपनी औलाद को भी हमारे मत्थे मार गई अब उसकी देखभाल करते रहो कमबख्त मरते मर गई लेकिन अपने पहले आशिक को ना भूल सकी उसने मौत को गले लगा लिया लेकिन तेरे करीब ना आ सकी । दुर्दाना गुस्से से कहती है।

बस अम्मी चुप हो जाओ आपको खुदा का वास्ता हानिया ने सुन लिया की मे उसका बाप नही हू तो वो मां के साथ साथ बाप से भी हाथ धो बैठे गी। 

और रही बात माहिन की तो मैं ने उससे शादी की थी हन्नान के मरने के बाद क्योंकि हन्नान से मेने वादा किया था की मैं उसकी बीवी की हिफाजत करूंगा । वो उसका कोई आशिक नही था उसका पहला शौहर था जिससे वो कॉलेज के दिनो से प्यार करती थी। और किसी भी शादी शुदा लङकी के लिए आसान नही होता की वो अपने शौहर के मरने के बाद उसकी जगह किसी और मर्द को दे ।


जरूरी नही जिससे हम प्यार करे वो भी आपसे प्यार करे ।नही थी उसको मुझसे मोहब्बत चली गई छोड़ कर इस समझौते भरे रिश्ते को तोड़ कर मौत के आगोश मै सो गई । अदनान रोते हुए अपनी मां से कहता है।

दुर्दाना, बेटा अब क्या सोचा है दुसरी शादी के बारे मे क्या यू ही एक तरफा इश्क की आग में जलते रहोगे और अपनी जवानी बर्बाद कर दो गै।

बस अम्मी मे पहले ही एक ज़िंदगी बर्बाद कर चुका हू अपनी इस एक तरफा मोहब्बत के खातिर अब मुझ में हौसला नही दूसरी ज़िंदगी बर्बाद करने का । शादी के बाद हर लङकी का सपना होता है की उसका शौहर सिर्फ और सिर्फ उसी से मोहब्बत करे ना की किसी दुसरी लङकी की एक तरफा मोहब्बत मे गिरफ्तार रहे । नही करना कोई शादी नफ़रत है इस लफ्ज़ से मुझे मे अपने दोस्त हन्नान की औलाद को ही अपनी औलाद समझ कर पालूंगाय वही मेरा जीने का सहारा बनेगी ।

ये कह कर अदनान घर से चला जाता है । और समुंदर किनारे जाकर बैठ जाता है और पर्स से एक खत निकाल कर पढ़ता और रोता है। सुबह से शाम हो जाती है।

दुर्दाना अदनान को फ़ोन लगाती लेकिन वो बंद जाता तब वो उसके दोस्त हम्माद को फ़ोन लगाती और उसे उसको ढूंढने का कहती।

हम्माद जानता है। की अदनान कहा मिल सकता है।

अदनान आज फिर उसकी याद तूझे यहां ले आई । कमर पर हाथ रखते हुए पीछे से हम्माद ने कहा


हा यार वो तो चली गई बस उसकी याद ही रह गाई है अब जो हर वक्त आती है । खुदा किसी को ये एक तरफा मोहब्बत की सजा ना दे इसमें आदमी इतना लाचार और मजबूर हो जाता है की क्या बताऊं ना तो मरना आसान होता है और ना जीना । देखो माहीन को अपनी मोहब्बत के खातिर जान दे दी क्योंकि वो दोनो एक दूसरे से  मोहब्बत करते थे । अदनान अपने आंसू पोछते हुए कहता है।

जाने भी दे यार अब मत रो इतना उसकी मोहब्बत मे अब तो उसे मरे हुए भी तीन साल गुजर गए अपनी दो साला बेटी की उसके दिल में मोहब्बत नही थी तो वो तुझसे क्या मोहब्बत करती । हम्माद उसे समझाते हुए कहता है।


यही तो शिकायत है मुझे अपने आप से की वो मेरी वजह से मेरी एक तरफा प्यार की जिद्द की वजह से उसने अपनी बेटी तक की परवाह नही करी और फांसी लगा ली की कही मे किसी दिन मेरा सब्र का बांध टूट जाए और में उसके करीब आने की कोशिश करू । और वो हन्नान से बेवफाई कर बेठे सच्ची मोहब्बत इसे ही कहते है शायद ।

अगर मैं उससे शादी नही करता तो शायद आज वो ज़िंदा होती और हानिया भी अपनी मां के साए मे जवान होती । क्यू करी मेने उससे शादी आखिर क्यो ? 

सिर्फ इसलिए की मै उसे कॉलेज के दिनो से प्यार करता था मेरी एक तरफा मोहब्बत उससे शादी के बाद नही बल्कि कॉलेज के दिनो से थी जब मैं अपनी नोट बुक उसको देकर खुद टीचर से डांट खाता । बस मे दोस्तों से झगड़ कर उसके लिए खिडकी वाली सीट बुक कर के रखता । और कॉलेज के आखरी साल जब मैं उसे बताने लगता तब मुझे हन्नान ने बताया की वो दोनो आपस मै एक दूसरे से प्यार करते है। उस दिन मेरी एक तरफा मोहब्बत का जनाजा निकल गया उसके बाद मैं ने कॉलेज छोड़ दिया यहां तक की घर भी छोड़ दिया । और बाहर चला गया पढ़ने ताकि अपनी मोहब्बत को किसी और की दुलहन बनते ना देखू ।

और पांच साल पहले जब तेरा फ़ोन आया की हन्नान का एक्सीडेंट हो गया है और वो आखरी सांसे ले रहा है तब मैं उससे मिला ।

पता है उसने क्या कहा मुझसे बोला अदनान मेरे बाद माहीन और उसके पेट में पल रही मेरी औलाद का खयाल रखना मेरे बाद तू ही है  जो उसका खयाल रख सकता है। में जानता हू तू मुझसे नाराज है क्योंकि मैं ने तेरी मोहब्बत को तुझसे छीन लिया मे जानता हू तू माहीन से एक तरफा मोहब्बत करता था और तू ही है जो उसे मेरे बाद मुझसे ज्यादा मोहब्बत कर सकता है। तू उससे शादी कर लेना और मेरे बच्चे को अपना नाम देना । और ये कह कर वो मर गया।

मे माहीन से कभी शादी ना करता अगर अपनी मोहब्बत को इस तरह लाचार और मजबूर होकर दूसरो के आगे गिड़गिड़ाते ना देखता जब उसके ससुराल वालो ने उसे घर से अपशगुनी कह कर निकाल दिया।

मे चाहता तो वैसे भी उसकी मदद कर सकता था । लेकिन तू जानता है ना इस  जालिम समाज को जो ना तो खुद दूसरो की मदद करेंगे और अगर कोइ किसी बेवा ( विधवा)  की मदद को आगे बढ़ता भी है तो उसको बदनामी के सिवा ये समाज कुछ नही देता । उस औरत को ऐसी ऐसी बाते कहते है ये लोग की वो बेचारी मौत को आरी आ जाती है ।

बस उसको इस बदनामी के डर से की कही कोई मेरे मरहूम दोस्त की बेवा को मेरा नाम लेकर बदनाम ना करें बस इसी वजह से मेने उससे शादी की । की शायद वक्त के साथ वो हन्नान को भूल जाएं और मेरे एक तरफा प्यार को भी कोई मंजिल मिल जाए ।

पर ऐसा ना हुआ । उसने तो शादी की रात ही मुझे अपने साइन करके तलाक के पेपर दे दिए थे और कह दिया था की मेरे ऊपर सिर्फ और सिर्फ हक मेरे शौहर का था । आपने मुझसे शादी की है मेने आप से नही आप जब चाहें इस बेनाम रिश्ते से आजाद हो सकते है।

मै ही पागल था जो समझता रहा की किसी ना किसी दिन तो माहीन के दिल में अपनी मोहब्बत उतार दूंगा लेकिन मेरी एक तरफा मोहब्बत एक तरफा ही रही । मे ने कई बार उसके नजदीक जाने की कोशिश करी लेकिन वो मेरे नजदीक आते ही भाग जाती और एक दिन थक हार कर उसने मुझे अपनाने से बेहतर मौत को गले लगाना बेहतर समझा ।

और ये खत जो मुझे हमेशा याद दिलाता रहेगा की मेने अपनी एक तरफा मोहब्बत को मंजिल तक पोहचाने के खातिर एक लङकी को मौत को गले लगाने पर मजबूर कर दिया ।

अदनान रोते हुए हम्माद को गले लगा कर बोहोत रोता हैं।

हम्माद को मालूम नही था की अदनान उससे उनके कॉलेज टाइम से मोहब्बत करता था और माहीन मरने से पहले कुछ खत लिख कर भी गई थी। वो समझ ता था कि अदनान को उससे मोहब्बत शादी के बाद हुई थी।


मत रो मेरे भाई अदनान , इस दुनिया मैं हजारों लोग है जिनकी सच्ची मोहब्बत अपनी मंजिल तक नही पोहोच पाती । और वैसे भी तुने तो उसे दुनिया की जुल्मों सितम से बचाया एक छत दी उसकी बेटी को बाप का प्यार दिया तुने तो अपनी एक तरफा मोहब्बत का पुरा पूरा हक अदा किया ।

ला दिखा आखिर वो इस खत में ऐसा क्या लिख कर गई थी कि तू अब तक अपने आप को कसूरवार समझ रहा है।

अदनान वो खत हम्माद को देता है

हम्माद खत पढ़ता है।

" अदनान में जा रहीं हू हन्नान के पास उससे मिलने उसके साथ रहने । में तो बोहोत पहले ही चली जाती अगर मेरे पेट मै हन्नान की आखरी निशानी ना होती क्योंकि उसके बिना ज़िंदगी गुजारना मतलब अपनी सास रोक कर ज़िंदा रहना । में सिर्फ हानिया के बड़े होने का इतंजार कर रही थी अब जैसा की वो दो साल की हो गई है। उसे अब मेरी ज़रूरत नही है और मैं उसकी परवरिश नही कर सकती जिसको अपना होश नही दिन कब हुआ रात कब हुई वो उस बच्ची की क्या परवरिश करेगी । मै तो हन्नान के साथ उस दिन उस अस्पताल में ही मर गई थी बस दफनाना भूल गए थे मुझे । अदनान मे तुम्हारी एहसान मंद हू तुमने मुझे समाज में फिर रहे भेड़िया नुमा मर्दों से बचाने के लिए मुझे अपनी इज़्ज़त बना कर अपने घर रखा । मेरे लिए अपनी मां से बगावत की  मेरी बेटी को बाप की तरह प्यार किया उसको अपना नाम दिया इज़्ज़त दी । मै जानती हू तुम मुझसे मोहब्बत करते हो और मुझसे भी चाहते हो की में भी तुमसे मोहब्बत करके तुम्हारी एक तरफा मोहब्बत को मुकम्मल कर दू।

लेकिन अदनान मेरे लिए ये नामुमकिन है। ऐसा नही है की जब जब तुम मेरे नजदीक आए मेने कोशिश नही की तुम्हारे नजदीक आने की लेकिन जैसे ही मैं तुम्हारे करीब आने की कोशिश करती मुझे हन्नान का चेहरा नज़र आ जाता और मुझे ऐसा लगाता की मे उससे बेवफाई कर रही हू उसके जाने के बाद । दुनिया कहती है कि लड़की की दुसरी शादी के बाद उसे सुकुन आ जाता है लेकिन ऐसा नही है दिल पर पत्थर रखना पढ़ता है किसी और को अपनो शौहर तसव्वुर करने के लिए लेकिन मैं अपने दिल पर पत्थर भी ना रख सकी ।

मेरे जाने के बाद घर में मेरी कोई भी तस्वीर मत रखना यहां तक की मेरी बेटी को भी मुझ अभागन की फोटो मत दिखाना कही मेरा साया उस पर पढ़ जाए ।

हो सके तो तुम शादी कर लेना किसी और के साथ अपनी गृहस्थी बसा लेना और मुझे एक बुरा ख्वाब समझ कर भूला देना । हमारा तुम्हारा सफर यही तक था । " 


हम्माद के भी आंसू निकल आते है वो खत पढ़ कर । और वो अदनान के गले लगकर रोता है और अदनान से उस खत को फाड़ कर समुंद्र मे फेंकने को कह कर ज़िंदगी मे आगे बढ़ने की सलाह देता जैसा की माहीन ने खत मै मरने से पहले लिखा था।


अदनान अपने पर्स से माहीन की एक फोटो जो उसने सब से छुपा कर रखी होती है उसे आखरी बार देख कर खत के साथ फाड़ कर और भी अपनी एक तरफा इश्क की यादों को फाड़ कर उस समुंद्र मैं फेंक कर तेज लहरों के हवाले कर के । हम्माद के साथ चला जाता और उन्हें पीछे मुड़कर भी नही देखता क्योंकि बोहोत तकलीफ दी थी उसको इस एक तरफा इश्क ने कई सालों से 


प्रतियोगिता हेतु लिखी कहानी 


   12
6 Comments

Mohammed urooj khan

02-Mar-2022 09:20 AM

बोहोत बोहोत शुक्रिया आप सब का तह दिल से

Reply

Punam verma

02-Mar-2022 09:06 AM

Bahut hi behtreen likha hai sir aapne

Reply

Zakirhusain Abbas Chougule

02-Mar-2022 02:34 AM

Very nice

Reply